Saturday, 6 April 2019

“नवरात्रि विशेष” ◦ “संगीत व भक्ति”

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वैसे तो संगीत किसी भी रूप में हो,किसी भी विधा में हो,हमेशा सुखद ही लगता है,लेकिन जब संगीत में भक्ति का रस जुड़ जाये तो वो अभूतपूर्वआनंददायक होता है.यदि श्रद्धा  मन से भक्ति के गीत या भजन गाये जा रहे हैं तो सुनने वालों का मन स्वयं ही ईश्वर से सीधे जुड़ने की कल्पना सेअभिभूत हो जाता है.निश्चय ही जीवन में आप ने भी कभी  कभी ये एहसास किया होगा.यहाँ एक interesting बात और बताती चलूँ की भक्ति मेंसंगीत ना सिर्फ़ हमारे हिन्दु धर्म में बल्कि सभी धर्मों में उतनी ही लोकप्रिय है चाहे वो मुस्लिम हो,सिख हों या ईसाई हो.गा बजा कर ईश्वर कीआराधना करना बहुत प्राचीन और लोकप्रिय विधा है.विषेस कर हिंदू समाज में तो कोई भी मौक़ा हो नाच-गाने का कार्यक्रम शुरू करने से पहलेहमेशा ही,प्रथम पूज्य गणेश जी या देवी गीत गा कर ही आगे का कार्यक्रम किया जाता है
                  संगीत  भक्ति का ऐसा ही सुंदर संगम हमें नवरात्रि में देखने को मिलता है,और हमारा सौभाग्य है की हमें ये अवसर वर्ष में दो बारमिलता है.तो लीजिए एक बार पुनः चैत्र नवरात्रि आपके जीवन में दस्तक दे रहा है,घर-घर में भजन होंगे,गीत-संगीत  मिलना-मिलाना होगा और ऐसेमें सभी चाहते हैं की वो कुछ अलग या बढ़ियाँ देवी गीत गा सकें.प्रयास कर रही हूँ की आप तक कुछ अच्छे देवी गीत पहुँचा सकूँ.साथ ही इस बारप्रयास रहेगा की शुभारम्भ के लिए गणेश वंदना  समाप्ति पर गाया जाने वाला “लांगूरिया” गीत भी इस में जोड़ सकूँ.
                     धन्यवाद सहित सभी को नवरात्रि की बहुत शुभकामनायें.

                               
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श्री गणेश “

पहले ध्यान श्री गणेश का...
भक्ति मन से कर लो भक्तों
गणपति के गुण गाओ
पहले ध्यान...

द्वार द्वार हर घर के आसन पर 
शुभ प्रभु की है प्रतिमा...
देवों में जो देव पूज्य हैं
गणपति की है गरिमा 
मंगल अति सुमंगल हैं जो 
उन को नयन बसाओ 
पहले ध्यान श्री गणेश का
मोदक भोग लगाओ..

पहले ध्यान...
भक्ति मन.....

आरती प्रभु की भोग पूजा 
शंख नाद भी गूँजे...
मंगल जल बरसन से गणपति
तन मन सबका भीजे
सब त्योहार उन्ही से शुभ हैं
गणपति का त्योहारा..
मूषक वाहन श्री गणेश का 
ऐसा देव हमारा...

पहले ध्यान...
भक्ति मन....

कीर्तन भजन नारायण करते 
नर मुनि देव सब के मन हरशे..
गणपति का दर्शन कर के 
जीवन सफल बनाओ
उत्सव आज मनाओ...

पहले ध्यान श्री गणेश का...
भक्ति मन से कर लो भक्तों
गणपति के गुण गाओ...
पहले ध्यान..............


                                
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बाजे ढोलक

बाजे ला ढोलक 
झूमे नगर नगर
लहरे ला मैया के लाली चुनर
बाजे....
सातों बहिनिया लागेलि सुंदर
सब के पे चढल भक्ति के लहर 
बाजे...
लहरे...

बाजे ताली देख देख के 
मैया जी मुसकाली
जयकारा गूँजेला
अरे गूँजे हाली हाली
हटले ना हटे मैया से नज़र 
लहरे मैया...
सातों बहिनिया..

बाजे ला...
सातों बहिनिया..

आपों आएँ हाज़िरी लगाईं
जय माता की बोलीं...
उन से आसिस पा के अपने
भाग्य के ताला खोलीं...
लागल दरबार बा आठों पहर 
लहरे मैया...
सातों बहिनिया..

बाजे ला..
सातों बहिनिया..

दीन दुखिया नर नारी 
सब कोई दर्शन पावे
मैया के दरबार में सब झूमें
नाचे गावे...
सारे सखियन के लचके कमर
लहरे मैया...
सातों बहिनिया..

बाजे ला ढोलक 
झूमे नगर नगर 
लहरे मैया के लाली चुनर.




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हे मात मेरी

कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे
हे मात मेरी हे मात मेरी 
कैसी ये...
हे मात...

भव सागर में गिरी पड़ी हूँ
माया मोह में घीरि पड़ी हूँ
जंजाल जाल में जकड़ी पड़ी हूँ
हे मात मेरी हे मात मेरी 
कैसी ये देर...
हे मात...

ना मुझ में बल है ना मुझ में विद्या
ना मुझ में भक्ति ना मुझ में शक्ती 
चरण तुम्हारे आन पड़ी हूँ
हे मात मेरी हे मात मेरी 
कैसी ये देर...
हे मात...

ना कोई मेरा कूटुंब साथी
ना ही मेरा शरीर साथी 
आप ही उबारो पकड़ के बाँहें
हे मात मेरी हे मात मेरी 
कैसी ये देर..
हे मात...

चरण कमल को नौका बना कर 
मैं पार जाऊँ ख़ुशी मना कर 
यमदूतों को दूर भगा कर
हे मात मेरी हे मात मेरी 
कैसी ये देर..
हे मात..

ना मैं किसी की ना ही कोई मेरा 
छाया है चारों ओर अंधेरा
जला के ज्योति दिखा दो रास्ता 
हे मात मेरी हे मात मेरी 
कैसी ये देर...
हे मात मेरी हे मात मेरी.


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तेरा दर्शन

मैंने सब कुछ पाया दाती 
तेरा दर्शन पाना बाक़ी है
मेरे घर में कोई कमी नहीं 
बस तेरा आना बाक़ी है
मैंने...

जो मेरे घर में आओ माँ
मेरा घर तीरथ बन जायेगा
मैं भी तर जाऊँगा मैया 
जो आयेगा तर जायेगा
इज्जत शोहरत दौलत तो मिली 
मेहरों का ख़ज़ाना बाक़ी है
मैंने सब...

हर मुराद पुरी होती है
माँ तेरे दरबार में
तेरे दर जैसा नहीं दिखा
कोई दर संसार में 
दर दर की ठोकर खाई है
बस तेरा ठिकाना बाक़ी है
मैंने सब...

भक्त तेरे भोले भाले
माँ तेरे शुक्र गुज़ार हैं
तेरी कृपा से सब को मिली
ख़ुशियाँ अपरंपार हैं
तर गए माँ लाखों भक्त तेरे
सेवादार दीवाना बाक़ी है
मैंने सब...

मैंने सब कुछ पाया दाती 
तेरा दर्शन पाना बाक़ी है
मेरे घर में कोई कमी नहीं 
बस तेरा आना बाक़ी है.


लंगूरिया

आप में से शायद बहुत से लोग जानते भी नहीं होंगे की लंगूरिया गीत होता क्या है,तो सोचा क्यूँ ना इस का थोड़ा परिचय आप को दे दूँ.ये गीत मूलतःकरोलि की कैला देवी की स्तुति में गाये जाते हैं.लंगूरिया लोकगीत काल-भैरव जो कैला देवी का गण है,को सम्बोधित करते हुए गाये जाते हैं.लंगूरियानटखट प्रेमी के रूप में भक्ति काव्य में श्री कृष्ण का वाचक हो जाता है इसी लिए ये गीत बडे रसीले  मनोरंजक होते हैं.भारतीय लोक संस्कृति मेंलंगूरिया का विशेष स्थान रहा है,देवी के इन गीतों में नर-नारियों के मनोभावों के दर्शन होते हैं  श्रद्धा  भक्ति के साथ भरपूर मनोरंजन भीछलकता है.तो लीजिए प्रस्तुत है इक लंगूरिया गीत.


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दर्शन कर आवे

हे रे कैला मैया को जूरो है
दरबार 
लंगूरिया चलो तो दर्शन कर आवे

हे रे झूला डालो है करोलि के 
महल 
लंगूरिया चलो तो दर्शन कर आवे

काहे को याको बनो है पलनो
काहे की या की डोर 
लंगूरिया चलो तो दर्शन कर आवे

सोने को याको बनो पलनो 
रेशमी या की डोर 
लंगूरिया चलो तो दर्शन कर आवे

लगा है मेला 
लगा है कैला मैया का दरबार 
लंगूरिया चलो तो दर्शन कर आवे.