सौभाग्य शाली होते है वो लोग जिन्हें बचपन में दादा,दादी, और नाना,नानी, की गोद उनका प्यार,दुलार बहुत सारी सीख और कहानियाँ सुनने को मिलती हैं.
दादा,दादी का तो साथ मुझे मिला और उनसे बहुत कुछ सीखने को भी मिला,हम तीन भाई बहन हैं और बिगड़े हुए बच्चे माने जाते हैं जिसकी ज़िम्मेदारी दादा,दादी को ही जाती हैं.
किंतु ,दुर्भाग्य वश मैं अपने नाना,नानी को देख भी नहीं पायी मैं जब बहुत छोटी थी तभी उनका देहांत हो चुका था.मैंने अपनी माँ से ही उनके बारे में सुना है और जो सुना है वो बहुत ही असाधारण व आश्चर्यजनक है,विशेषकर मेरी नानी के बारे में वो उतने पुराने ज़माने में भी काफ़ी पढ़ी-लिखी व बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी.ईश्वर ने उन्हें गीत-संगीत,सीना-पिरोना जैसे अनेक कलाओं से सजाया था,वे अपने गीत ख़ुद लिखती थी और संगीत बद्ध भी करती थीं और वो निश्चय ही अमूल्य हैं.उनके अधिकतर गीत राग,रागिनियो और मौसम पर आधारित होते थे.आज ये बताते हुए मुझे बहुत दुःख हो रहा है की मेरी नानी जी द्वारा लिखे बहुमूल्य गीत व कविताओं का कोई संकलन नहीं हो सका,शायद तब लोगों ने उसका सही आंकलन नहीं किया,उस अमूल्य धरोहर को खोने का दर्द मैं बता नहीं सकती.
हाँ, कुछ गाने हैं जो मेरी माँ और मामी लोगों के स्मृति में अभी संचित हैं. अभी मौक़ा भी है और दस्तूर भी देवों के देव "महादेव" का महा पर्व शिव रात्रि क़रीब है और इस पावन अवसर पर मैं अपनी नानी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए उनके कुछ भजन आप तक पहुँचा रही हूँ.

"शंकर दयाल"
लीजे शंकर दयाल ख़बरिया मोरी
हाँ,लीजे शंकर दयाल
लीजे शंकर .
जग में गंग बहे पाप नाशक दुःख हरनी
जग में गंग बहे
इसी से नाम जगत में तारण तरनी
इसी से नाम
हरी द्वारे पे मोक्षत कीजे मोरी
लीजे शंकर .
हाँ,लीजे शंकर दयाल
भाल पे चन्द्र तिलक तीन नेत्र साजे हैं
भाल पे चन्द्र
हाथ डमरू भी लिए नंदी पे विराजे है
हाथ डमरू भी
आओ दीन दयाल नगरिया मोरी
आओ दीन दयाल .
लीजे शंकर दयाल ख़बरिया मोरी
हाँ,लीजे शंकर दयाल
लीजे शंकर .
"नमन"
नमः हो नमः हो नमः प्राणदाता
नमः हो नमः हो नमः प्रियदाता
नमः हो .
नमस्ते निराकार निर्दोष नायक
नमस्ते परम मित्र सबके सहायक
नमस्ते निराकार
नमस्ते परम .
नमो दुःख भँजन नमस्ते निरंजन
नमो सच्चिदानंद घट घट के व्यापक
नमो दुःख
नमो सच्चिदानंद.
नमो नाड़ियों नस के बंधन से बाहर
नमो सर्व आधार किरपा के सागर
नमस्ते निराकार .
नमस्ते परम .
नमः हो नमः हो नमः प्राणदाता
नमः हो नमः हो नमः प्रियदाता
नमस्ते निराकार
नमस्ते परम.
तुम्हीं को नमस्ते है हे जन्मदाता
तुम्हीं को नमस्ते है सायं और प्रातः
तुम्हीं को नमस्ते
तुम्हीं को नमस्ते है सायं और प्रातः
नमः हो नमः हो नमः प्राणदाता
नमः हो नमः हो नमः प्रियदाता
नमः हो .

"शंकर"
शंकर तेरी जटा से बहती है
गंग धारा
शंकर तेरी जटा से बहती है
गंग धारा
काली घटा के अंदर जिमी यामीनि
उज़ारा
शंकर तेरी
द्रिग तीन तेज़ राशि कटी कंध
नाग फाँसी
गिरिजा है संग दासी
सब विस्व के आधारा
शंकर तेरी
गले मुण्ड माल राजे शशि भाल
पे विराजे
डमरू निदान बाजे
कर में त्रिशूल भाला
शंकर तेरी
शंकर तेरी जटा से बहती है
गंग धारा
काली घटा के अंदर जिमी यामीनि
उज़ारा
शंकर तेरी .

"शिव"
जटा में गंगा जी बहार करें
भक्तों का बेड़ा शिव पार करे
जटा में
भक्तों का
शिव जी बैठे भभूति रमाए
गले सर्पों का हार सुहाये
डमरू मधुर झनकार करे
अरे,डमरू मधुर झनकार करे
भक्तों का
जटा में
रटे जो नित नित बम बम भोला
निर्मल होवे उसका चोला
दर्शन जो जन इक बार करे
भक्तों का
जटा में
ओढ़े बाबा जी बाघम्बेर
काँधे सोहे जनेउ सुंदर
अरे भांग धतूर आहार करे
भांग धतूर का आहार करे
भक्तों का
जटा में
नंदी गण सोहत हो ऐसे
सागर मध्य कमल हो जैसे
अरे मस्तक पर चंदा उज़ियार करे
मस्तक पर चंदा उज़ियार करे
भक्तों का
जटा में गंगा जी बाहर करे
भक्तों का बेड़ा शिव पार करे .
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