Tuesday, 2 February 2021

“भोजपुरी और बॉलीवुड” part-2

 नमस्कार,भोजपुरी और बॉलीवुड मेरा पिछला पोस्ट था.अपनी सामर्थ्य के हिसाब से मैंने दोनो के बीच का रिश्ता और कुछ गीत आप तक पहुचाने का प्रयास किया और मुझे ये लिखते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है की आप सब ने उस post को बहुत पसंद किया.इसी उत्साह को देखते हुए मुझे लगा कि इस पर दूसरा पोस्ट भी लिखना चाहिए, तो लीजिए देर किस बात की आप के सामने प्रस्तुत है “भोजपुरी और बॉलीवुड” part-२☺️

                       अपने पिछले पोस्ट में मैंने कुछ ऐसे गीतों के बारे में लिखा था जो मुख्य धारा के सिनेमा में होते हुए भी लोक गीत थे,इस बार मैं आप को कुछ ऐसे गीतों के बारे में बताऊँगी जो 
बॉलीवुड में इक नए प्रयोग के रूप में उभरीं.ये गीत फ़िल्मी गीतकारों द्वारा लिखे गए,उन्ही लोगों ने compose किया और लयबद्ध किया 
लेकिन इन गीतों का base या कहें कि मूल रूप से ये गीत भी लोकगीतों की धुन पर ही आधारित थे. ये प्रयोग करते समय सिनेमा उद्योग के लोग भी पसोपेश में थे की ये प्रयोग सफल होगा या नहीं, लेकिन परिणाम बहुत सकारात्मक निकला और इन गीतों ने पूरे देश में धूम मचा दी. वास्तव में हर व्यक्ति को,चाहे वो परिस्थिति वश कहीं रह रहा हो अपनी माटी की महक बहुत याद आती है,और ऐसे में कहीं से गुज़रते हुए या फुर्सत में बैठ कर सुनते हुए कुछ ऐसे गीत मिल जायें तो यूँ लगता है जैसे वही अमराई वही पुरवाई अपना गाँव अपना घर फिर से मिल गये और मन तरंगित और प्रफुल्लित हो जाता है.निश्चित रूप से आप लोगों ने भी कभी ना कभी,जाने, अनजाने ये गीत सुने ही होंगे पर इक नए नज़रिए से सुनिए तो आप को और आनंद आयेगा.
                      संगीत तो वैसे ही तन मन में इक प्रसन्नता की लहर ले आती है फिर चाहे वो किसी भी भाषा में हो किसी विधा में हो,समझ ना भी आ रहा हो तब भी मन खुश हो जाता है. ऐसे में कल्पना करिए की कोई U.P. Bihar का व्यक्ति मुंबई में रह रहा हो और कहीं सुदूर अपनी माटी की महक लिए कोई लोकगीत सुनायी दे जाये तो उसका मन कितना खुश हो जाता होगा.वो गीत केवल गीत नहीं है बल्कि उस के साथ इन्सान की संस्कृति,सभ्यता, कला और ना जाने कितनी यादें जुड़ी होती हैं.इसीलिए इतने महत्वपूर्ण हैं हमारे लोकगीत और इन्हें सम्भालना और नयी पीढ़ी तक पहुँचाना हमारा और आप का ही कर्तव्य है जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियाँ  भी इन गीतों का लुत्फ़ उठा सकें.
                   तो चलिए ले चलते है आप को कुछ उन गीतों के बीच जो,जैसा मैं पहले भी बता  चुकी हूँ तैयार पूरी तरह से फ़िल्मकारों द्वारा ही किए गए लेकिन उनकी धुन लोक गीतों पर ही है और ऐसे गीत घर-घर पहुँचे और अमर हो कर रह गए . नए पोस्ट तक के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सहित नमस्कार🙏.


Movie-CID
Lyrics-mazrooh sultan puri
Music-O P naiyar

“बूझ मेरा क्या नाम रे”      





बूझ मेरा क्या नाम रे 
नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आंगना
ठंडी ठंडी छाँव रे....२


लोग कहें मोहे बावरी 
मेरे उलझे उलझे बाल...२
मेरा काला काला तिल है 
मेरे गोरे गोरे गाल
मैं चली किस गली 
झूमे सारा गाँव
बूझ मेरा ......२



आज संभल के देखना 
बाबू जी मेरी ओर....२
कही दिल से लिपट ना 
लम्बी ज़ुल्फ़ों की डोर 
मैं चली मनचली 
सबका मन ललचाऊँ रे
बूझ मेरा....२


दिलवालों के बीच में 
मेरी अँखियाँ है बदनाम 
हूँ एक पहेली फिर भी
कोई बूझे मेरा नाम.....२
मैं चली ये चली ये चली
बूझो तो किस गाँव रे 
बूझ मेरा.....२


बूझ मेरा क्या नाम रे 
नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आंगना 
ठंडी ठंडी छाँव रे .

Movie-Sahab biwi aur gulam
Lyrics-Shakeel badayuni
Music-Hemant Kumar 

पिया और जिया”




पिया ऐसो जिया में
समाई गयो रे की मैं
तन मन की सुध बुध 
गवां बैठी हर आहट पे 
समझी वो आइ गयो रे 
झट घूँघट में मुखड़ा 
छुपा बैठी 
पिया ऐसो......२


मोरे अंगना में जब पुरवैया चले 
मोरे  द्वारे की खुल गयी किवड़िया
ओ मोरे द्वारे की...२
मैंने जाना कि आ गए 
साँवरिया मेरे मैंने जाना....२
झट फूलन की सेजिया 
पे जा बैठी...२


पिया ऐसो जिया में 
समाई गयो रे की 
मैं तन मन की सुध बुध 
गवां बैठी....२


मैंने  सिंदूर से माँग अपनी  भरी
रूप सैंया के कारण सजाया 
हाँ रूप सैंया के कारण सजाया
इस डर से की पी की नज़र ना लगे 
झट नैनन में कजरा लगा बैठी...२


पिया ऐसो जिया में 
समाई गयो रे की 
मैं तन मन की सुध बुध 
गवां बैठी हर आहट पे
समझी वो आइ गयो रे
झट घूँघट में मुखड़ा 
छुपा बैठी...२

पिया ऐसो जिया में 
समाई गयो रे ऐ ऐ ऐ.

Movie-Pakeeza
Lyrics-Mazrooh sultan puri
Music-Gulam mohammad

“इन्ही लोगों ने”




इन्ही लोगों ने,इन्ही लोगों ने 
इन्ही लोगों ने ले लीना 
दुपट्टा मेरा....२


हमरी ना मानो बजजवा 
से पूछो 
हमरी ना मानो सैंया 
बजजवा से पूछो 
जिसने अशर्फ़ी गज 
दीना दुपट्टा मेरा....२
हो जी हो दुपट्टा मेरा...२


हमरी ना मानो रंगरेजवा
से पूछो 
हमरी ना मानो सैंया,हमरी 
ना मानो रंगरेजवा से पूछो 
जिसने गुलाबी रंग दीना 
दुपट्टा मेरा,हाँ जी हाँ 
दुपट्टा मेरा.....२


इन्ही लोगों ने,इन्ही लोगों ने 
इन्ही लोगों ने ले लीना 
दुपट्टा मेरा
हाँ जी हाँ दुपट्टा मेरा 
हो दुपट्टा मेरा 


हमरी ना मानो सिपहिया 
से पूछो 
हमरी ना मानो सिपहिया 
से पूछो 
जिसने बजरिया में छीना
दुपट्टा मेरा
हाँ जी हाँ दुपट्टा मेरा 
हो दुपट्टा मेरा 


इन्ही लोगों ने,इन्ही लोगों ने 
इन्ही लोगों ने ले लीना 
दुपट्टा मेरा 
हाँ जी हाँ दुपट्टा मेरा 
हो दुपट्टा मेरा हाँ 
दुपट्टा मेरा.


Movie-sarsvati chandr
Lyrics-Indeewar
Music-kalyan ji,aanand ji

बाबुल का देस”




ओ मैं तो भूल चली 
बाबुल का देस
पिया का घर प्यारा लगे
कोई मैके को दे दो संदेश 
पिया का....२
ओ मैं तो......२


ननदी में देखी है 
बहना की सूरत 
सासु जी मेरी हैं
ममता की मूरत...२
ओ पिता जैसा 
ससुर जी का भेष 
पिया का.......२

ओ मैं तो भूल चली
बाबुल का देस 
पिया का घर प्यारा लगे 
कोई मैके दे दो संदेश 
पिया का....२


चंदा भी प्यारा है 
सूरज भी प्यारा
पर सब से प्यारा है 
सजना हमारा 
आ के समझे जिया का 
संदेश...२
पिया का..२
कोई मैके...२


बैठा रहे सैंया नैनों को जोड़े 
इक पल अकेला वो मुझको 
ना छोड़े....२
ओ नहीं कोई जिया को क्लेश 
पिया का घर प्यार लगे....२


मैं तो भूल चली 
बाबुल का देस
पिया का घर प्यारा लगे 
कोई मैके को दे दो 
संदेश...२
पिया का घर प्यारा लगे 
कोई मैके को जा के 
मैके को दे दो संदेश 
पिया का...२


ओ मैं तो भूल चली 
बाबुल का देस 
पिया का घर प्यारा लगे
कोई मैके को दे दो 
संदेश पिया का घर 
प्यारा लगे....२
मैं तो भूल.....२


Movie-Teesri kasam
Lyrics-Shailendra 
Music-Shankar,Jaikishan


पिंजरे वाली मुनिया”




चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे
पिंजरे वाली मुनिया.....२


उड़ उड़ बैठी हलवैया दूकनिया
उड़ उड़ बैठी.....२
बर्फ़ी के सब रस ले लियो रे
पिंजरे वाली मुनिया 
आहे बर्फ़ी के सब रस ले लियो रे
पिंजरे वाली मुनिया....२

चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे
पिंजरे वाली मुनिया...२


हे हे हे हे रामा
उड़ उड़ बैठी बजजवा दूकनिया 
उड़ उड़ बैठी.....२
आहे कपड़ा के सब रस ले लियो रे
पिंजरे वाली मुनिया
कपड़ा के सब रस ले लियो रे
पिंजरे वाली मुनिया.....२


चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे
पिंजरे वाली मुनिया....२


अरे उड़ उड़ बैठी पनवडिया दूकनिया
उड़ उड़ बैठी....२ 
हे रामा उड़ उड़ बैठी....२
अरे बीड़ा के सब रस ले लियो रे
पिंजरे वाली मुनिया.....२


चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे 
पिंजरे वाली मुनिया.....२
चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे 
पिंजरे वाली मुनिया...........२


Movie-Dharti kahe pukar ke
Lyrics-Mazrooh sultan puri
Music-Lakshmi kant,Pyare laal

“हम तुम चोरी से”




जे हम तुम चोरी से 
बंधे इक डोरी से 
जैयो कहाँ ऐ हुज़ूर....२


अरे ये बंधन है प्यार का 
जे हम तुम चोरी से
बंधे इक डोरी से 
जैयो कहाँ ऐ हुज़ूर 


कजरा वाली फिर तू 
ऐसे काहे निहारे
कजरा वाली.....२
ई चितवन पे तोरी
माने तो समझा जा रे
मतलबवा एक है एक है 
नैनन पुकार का 


जे हम तुम चोरी से 
बंधे इक डोरी से 
जैयो कहाँ ऐ हुज़ूर...२



देखो बादर आए 
पवन के पुकारे....२
उल्फ़त मेरी जीती 
अनाड़ी पिया हारे
आयेगा,आयेगा रे 
मज़ा अब जीत हार का 


जे हम तुम चोरी से 
बंधे इक डोरी से
जैयो कहाँ ऐ हुज़ूर...२


घूँघट में से मुखड़ा
दिखे अभी अधूरा 
घूँघट में से...२
आ बैयाँ में आ जा 
मिलन तो हो पूरा
ई मिलना,ई मिलना
तो नहीं,तो नहीं इक बार का 


जे हम तुम चोरी से 
बंधे इक डोरी से 
जैयो कहाँ ऐ हुज़ूर...२
अरे बंधन है प्यार का 
जे हम तुम चोरी से 
बंधे इक डोरी से 
जैयो कहाँ ऐ हुज़ूर.





“भोजपुरी और बॉलीवुड” part-१  (extension)

दोस्तों,कुछ बातें दिमाग़ में रहते हुए भी सोचती हूँ इसे share करूँ या नहीं,पता नहीं आप लोगों को पसंद आए या नहीं पर अपने पिछले पोस्ट की लोक प्रियता को देखते हुए ही मैंने इस का part-२ और part-१ का भी (extension) किया है. जिन गीतों के बारे में मैंने पहले post में लिखा था,वो ऐसे लोक गीत हैं जो सीधे 

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